Description
श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति में प्राचीन गूढ़ ज्ञान की सर्वोत्तम निधि है । मूल गीता संस्कृत में होने तथा जनसामान्य में सुग्राह्य एवं गायन परक शैली में उपलब्ध न होने के कारण रामचरितमानस की भांति लोकप्रिय नहीं है । अतः गीता के महात्म्य तथा आधुनिक जीवन में बढ़ती विसंगतियों में गीता की बढ़ती उपयोगिता के कारण जन जन तक गीता के संदेश को सरल भाषा में पहुँचाने के उद्देश्य से गीता के श्लोकों को चौपाइयों एवं दोहों में इस पुस्तक में निबद्ध किया गया है जिसमें प्रत्येक श्लोक का पूर्ण भावार्थ संरक्षित है.