Description
प्रस्तुत पुस्तक कई भारतीय विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभागों में स्नातक अथवा स्नातकोत्तर स्तर की कक्षओं में एक विषय के रूप में निर्धारित पाठ्यग्रन्थ है। जैसा कि नाम से भी विदित है, यह पुस्तक दो आन्तरिक भागों में विभक्त है। वैदिक साहित्य’ नामक प्रथम भाग में वेद-वेदांग और उससे सम्बद्ध विषय निबद्ध है, जिस में संहिता, शाखा, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद् सहित सभी छह वेदांगों, चारो उपवेदों जैसे ज्ञेय-विषयों का परिचय तो दिया ही गया है; प्रत्युत् अनुक्रमणी, बृहद्देवता, प्रवरसुत्र आदि का आलोचनात्मक विवेचन और वैदिक वाड्मय के प्रमुख व्याख्याकारों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।