Description
कैलाश पर्वत विश्व का सार्वधिक पूजनीय स्थल होने
की अनूठी विशिष्टता रखता है। दुनिया की सबसे पवित्र व पृथ्वी पर सबसे ऊची ताजे पानी की झील मानसरोवर एक विशाल जादुई दर्पण के समान है। प्रत्येक वर्ष केवल गिने-चुने तीर्थयात्री चार धर्मो-हिन्दु, बौद्ध, जैन व बॉन में व्याप्त करोड़ों लोगों के इन सर्वोच्च श्रद्धा स्थलों का भ्रमण करते हैं। इस असामान्य तथ्य का कारण है कि कैलाश पर्वत एवं मानसरोवर पश्चिमी तिब्बत के सुदूर, उजाड कोने में अवस्थित है। कोई वायुयान या रेलगाड़ी इस क्षेत्र के आसपास भी नहीं पहुँचते। तीर्थयात्री जो भारतीय मार्ग ग्रहण करते हैं उन्हें हिमालय के सुदूरतम और दुःखसाध्यतम इलाके में टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों पर पैदल चलना पड़ता है। विरल वायुमंडल और निरंतर ठंडा मौसम उम्मीद से परे जोखिम वाले हो सकते हैं। दशा को और बुरा बनाने के लिये तीर्थयात्री को यात्रा के अधिकांश भाग के लिये उनकी आवश्यकतानुरूप समस्त सामग्रियों को स्वयं ढोना होता है। किंतु जीवन को चुनौती देने वाला यह अनुभव निश्चित रूप से इस ग्रह पर कई जादुई दृश्यावलियों को देख पाने का अनुठा अवसर है।