Description
(SHRIMAD DEVIBHAGVAT PURAN, WITH HINDI TRANSLATION, VOLUME-2)
इस पुस्तक में संस्कृत के मूल श्लोक और साथ में उनकी हिन्दी में व्याख्या दी गयी है। वृहदाकार। मोटे जिल्द में।
यह पुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्य का स्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। यह सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पाँचों लक्षणों से पूर्ण हैं। पराम्बा भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त यह पुराण त्रितापों का शमन करने वाला तथा सिद्धियों का प्रदाता है।