Description
इस पुस्तक में श्री स्वामी करपात्री जी महाराज ने सनातन-धर्म के प्रधान अंग देवोपासना के रहस्यों का विशद विवेचन किया है। भक्तिसुधा चार खंडों में विभक्त है – श्री कृष्णलीला दर्शन, देवोपासना तत्त्व, भक्ति तत्त्व तथा ज्ञान तत्त्व।
₹200.00
BOOK CODE | 1982 |
---|---|
PAGES | 768 |
LANGUAGE | हिन्दी, Hindi |
AUTHOR | श्री करपात्री जी, Shri Karpatri Ji |
SIZE (CMS.) | 19.0 x 28.0 |
इस पुस्तक में श्री स्वामी करपात्री जी महाराज ने सनातन-धर्म के प्रधान अंग देवोपासना के रहस्यों का विशद विवेचन किया है। भक्तिसुधा चार खंडों में विभक्त है – श्री कृष्णलीला दर्शन, देवोपासना तत्त्व, भक्ति तत्त्व तथा ज्ञान तत्त्व।